अमिताभ बच्चन(amitabh bachchan) की माता तेजी बच्चन और इंदिरा गांधी की दोस्ती और मनमुटाव
(amitabh bachchan)अमिताभ बच्चन की माता(mata) तेजी बच्चन और इंदिरा गांधी की दोस्ती विचारों, संस्कृति और परिवारों के गहरे संबंध का प्रतीक थी। यह भारतीय राजनीति और समाज के अनूठे मेलजोल की प्रेरणादायक कहानी है।
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chirag
12/23/20241 मिनट पढ़ें




दोस्ती की शुरुआत
तेजी बच्चन और इंदिरा गांधी की दोस्ती की शुरुआत इलाहाबाद के समाजिक कार्यक्रमों से हुई। हरिवंश राय बच्चन और जवाहरलाल नेहरू के बीच साहित्यिक और सामाजिक संबंध थे, जिसके चलते तेजी बच्चन और इंदिरा गांधी का परिचय हुआ। दोनों महिलाओं के बीच विचारों और दृष्टिकोण की समानता थी, जो उनकी दोस्ती का आधार बनी।
अमिताभ बच्चन की माता तेजी बच्चन और इंदिरा गांधी की दोस्ती विचारों, संस्कृति और परिवारों के गहरे संबंध का प्रतीक थी। यह भारतीय राजनीति और समाज के अनूठे मेलजोल की प्रेरणादायक कहानी है । दोस्तों जैसा कि आपको पता है कि हाल ही में अमिताभ बच्चन ने 21 दिसंबर को अपनी माता तेजी बच्चन को याद किया और पोस्ट भी किया जिसके कैप्शन में लिखा था “मां” । तो आज हम उनकी मां से जुड़ा एक लेख लाए है सिर्फ आपके लिए।भारतीय राजनीति और सिनेमा के इतिहास में कई ऐसी कहानियाँ हैं, जहाँ निजी और सार्वजनिक जीवन के गहरे संबंध सामने आते हैं। इनमें से एक है अमिताभ बच्चन की माता, तेजी बच्चन, और भारत की पहली महिला प्रधानमंत्री, इंदिरा गांधी की दोस्ती। इस दोस्ती में कई उतार चढ़ाव आए जो कि हम इस लेख में जानेंगे।
तेजी बच्चन: एक प्रगतिशील व्यक्तित्व
तेजी बच्चन एक शिक्षित, सुसंस्कृत और प्रगतिशील महिला थीं। वे एक कवि और साहित्यकार डॉ. हरिवंश राय बच्चन की पत्नी थीं। उनका व्यक्तित्व आत्मविश्वास से भरा हुआ था, और वे कला, संस्कृति और समाज के प्रति गहरी रुचि रखती थीं। उनका आत्मविश्वास और खुले विचार इंदिरा गांधी को आकर्षित करते थे, जो स्वयं एक सशक्त और स्वतंत्र विचारों वाली महिला थीं।




अमिताभ बच्चन और राजीव गांधी का संबंध
इस दोस्ती का प्रभाव अमिताभ बच्चन और राजीव गांधी की दोस्ती पर भी पड़ा। दोनों परिवारों की नजदीकियों ने अमिताभ और राजीव के बीच एक गहरी मित्रता को जन्म दिया। पहली बार अमिताभ और राजीव गांधी अमिताभ के चौथे जन्मदिन पर मिले थे। यह दोस्ती 1980 के दशक में भारतीय राजनीति और सिनेमा के मेल-जोल का प्रतीक बनी।
सामाजिक और पारिवारिक संबंध
यह दोस्ती न केवल व्यक्तिगत थी, बल्कि दोनों परिवारों के बीच भी एक विशेष संबंध बन गया। तेजी बच्चन अक्सर इंदिरा गांधी के साथ सामाजिक और सांस्कृतिक आयोजनों में भाग लेती थीं। इंदिरा गांधी ने कई मौकों पर तेजी बच्चन की सलाह और मार्गदर्शन को महत्व दिया।
दोस्ती का प्रभाव
तेजी बच्चन और इंदिरा गांधी की दोस्ती ने यह दिखाया कि कला, संस्कृति और राजनीति के क्षेत्र में व्यक्तिगत संबंधों का कितना गहरा प्रभाव हो सकता है। यह दोस्ती न केवल उनके आपसी विश्वास का प्रतीक थी, बल्कि उस दौर की एक अनूठी कहानी भी है।
तेजी बच्चन और इंदिरा गांधी की दोस्ती हमें यह सिखाती है कि सच्चे संबंध समय और परिस्थितियों के बावजूद अपनी जगह बनाए रखते हैं। यह भारतीय समाज में महिलाओं की प्रगतिशील सोच और आत्मनिर्भरता का भी उदाहरण है। लेकिन ऐसा भी हुआ जब अमिताभ की मां तेजी बच्चन इंदिरा गांधी से नाराज हो गई जब फिल्म एक्ट्रेस नरगिस को संसद भेजा तब थोड़ा मनमुटाव पैदा हुआ था।